आदिवासी छात्रों को लगे पंख, भरने लगे उड़ान  इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुकाम की हासिल, खेल में लहराया परचम

आदिवासी छात्रों को लगे पंख, भरने लगे उड़ान  इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुकाम की हासिल, खेल में लहराया परचम

आदिवासी छात्रों को लगे पंख, भरने लगे उड़ान 

इंजीनियरिंग क्षेत्र में मुकाम की हासिल, खेल में लहराया परचम

 

रांची

देश की नामी कंपनी में शुमार कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, रांची नई पहचान बनाने में जुटी है। यह पहचान झारखंड के पिछड़े क्षेत्र के गरीब एवं आदिवासी छात्र-छात्राओं के बीच बन रही है जिनके पंख उग आए हैं और उन्होंने उड़ान भरने भी शुरू कर दी है।

हम बात कर रहे हैं सीसीएल प्रबंधन की ओर से चलाई जा रही लाल- लाडली योजना की।

मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2012 से लेकर 2023 तक इस योजना के तहत प्रबंधन की ओर से कुल 193 छात्रों को कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई। जहां 120 छात्रों में आईटी में 20, एनआईटी में28, आईआईटी में5, बीआईटी मेसरा/ सिंदरी मे 23, जादवपुर विश्वविद्यालय में 2 तथा अन्य इंजीनियरिंग कॉलेज में 42 छात्रों को दाखिला मिला। इस प्रकार कुल मिलाकर इनकी संख्या 120 तक पहुंचती है।

सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के कार्मिक निदेशक हर्षनाथ मिश्रा ने बताया कि कोचिंग प्राप्त कई छात्रों ने इंजीनियरिंग करने के बाद ऊंची पैकेज पर बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी प्राप्त की वही कईयों ने तो खुद सीसीएल में योगदान कर प्रबंधन का मान बढ़ाया।

 उन्होंने बताया कि विस्थापित क्षेत्र में सड़क, बिजली, शिक्षा, पेयजल के अतिरिक्त भू दाताओं को नियमानुसार नौकरी भी उपलब्ध कराई जाती है। वही झारखंड के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रांची में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस 200 बेड का आधुनिक अस्पताल बनाया जा रहा है जहां हर तरह की क्रिटिकल बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। 

निदेशक श्री मिश्रा ने बताया कि प्रबंधन की ओर से खेल के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए समय-समय पर खिलाड़ियों का महाकुंभ आयोजित किया जाता है और इसकी तैयारी के लिए 10 एकेडमिक स्पोर्ट्स चलाए जा रहे हैं।

जहां 400 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ऐसे बच्चों ने ही अभी तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 800 पदक प्राप्त कर हमें गौरवान्वित किया है। इससे इतर ग्रामीणों के बीच कौशल प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ताकि लोग आत्मनिर्भर बन सके।

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