ऑटो चालक ने किया दुष्कर्म का प्रयास, प्रतिरोध करने पर अधमरा कर फेंका

ऑटो चालक ने किया दुष्कर्म का प्रयास, प्रतिरोध करने पर अधमरा कर फेंका

जरमुण्डी से रामगढ़ जा रही बालिका दुमका के मुड़ाबहाल में मिली

अस्पताल पहुंची सीडब्ल्यूसी की बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट,बालिका का लिया प्रोडक्शन

बालिका के बयान पर जरमुण्डी थाना में मामला दर्ज

दुमका

 

जिले के जरमुण्डी थाना क्षेत्र की 14 वर्षीया बालिका के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म का प्रयास करने और प्रतिरोध करने पर उसे पीट कर गंभीर रूप से घायल कर मुफस्सिल थाना क्षेत्र में फेंक देने के मामले का बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने स्वतः संज्ञान लिया है। इस घटना में बालिका का दायां पैर जांघ के पास टूट गया है और उसके चेहरे पर भी जख्म आया है। ऐसी हालत में पीड़ित बालिका को समिति के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है इसलिए समिति के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने जेजे एक्ट 2015 की धारा 30(12) के तहत मामले का स्वतः संज्ञान लिया। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय और नूतन बाला अस्पताल पहुंचे और वहीं मामला दर्ज करते हुए बालिका एवं उसकी दादी का बयान दर्ज किया गया।

जरमुण्डी थाना क्षेत्र के कुशमाहा चिकनिया पंचायत क्षेत्र की इस बालिका ने बताया कि वह शनिवार की शाम 3.40 बजे रामगढ़ स्थित अपने फूफा के घर जाने के लिए बासुकीनाथ बस स्टैण्ड पहुंची। वहां एक ऑटो वाले ने उसे रामगढ़ ले जाने की बात कहकर ऑटो में बैठा लिया। ऑटो में पहले से एक युवती बैठी थी। बस स्टैण्ड से निकल कर ऑटो आधे घंटे बाद एक सुनसान जगह पर पहुंची जहां चालक ने ऑटो रोक दिया और दोनों के साथ छेड़खानी करने लगा। मौका देखकर युवती ऑटो से भाग गयी। चालक बालिका के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म करने का प्रयास करने लगा। बालिका ने प्रतिरोध किया तो उसे डंडे से मारकर अधमरा कर दिया और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मुड़ाबहाल इलाके में सड़क किनारे फेंक कर भाग गया। रातभर वह वहीं पड़ी रही।

रविवार की सुबह बालिका हिम्मत जुटा कर पैर को घसीटते हुए सड़क तक आयी और लोगों से मदद की गुहार लगायी। स्थानीय लोगों की सूचना पर महिला थाना पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां एएसआई मटिल्डा मिंज ने उसका बयान दर्ज किया। बालिका की दादी ने बताया कि शनिवार की दोपहर बालिका शौच के लिए घर से निकली पर देर शाम तक वापस नहीं आयी। खोजबीन करने पर गांव के बच्चे ने बताया कि उसे जमुआ के तरफ दौड़ कर जाते देखा है। रविवार की सुबह उसे फोन पर जानकारी मिली कि पोती दुमका अस्पताल में भर्ती है तो वहां यहां पहुंची।

पूछने पर पोती ने केवल इतना बताया कि वह फूफा के घर जा रही थी। किसी ऑटो वाले ने उससे छेड़खानी और दुष्कर्म करने का प्रयास किया और इस दौरान उसका कपड़ा फाड़ दिया और मारपीट कर पैर तोड़ दिया। दादी ने कहा कि अस्पताल से छूट्टी मिलने पर वह बालिका को अपने साथ घर ले जाना चाहती है। 

इससे पूर्व घटना की सूचना मिलने पर रविवार की सुबह सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार और सदस्य डा राज कुमार उपाध्याय फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचे और वहां भर्ती पीड़िता, उसकी दादी और महिला थाना की एएसआई मटिल्डा मिंज से घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की। समिति ने पीजेएमसीएच के डीएस से मुलाकात की। डीएस ने बताया कि बच्ची के पैर का एक्सरे और रक्त जांच करवा लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ऑर्थोंपेडिक सजर्न उसके पैर का ऑपरेशन या प्लास्टर जो भी जरूरी हो वह करेंगे। समिति के निर्देश पर चाइल्डलाइन दुमका के केन्द्र समन्वयक मधुसूदन सिंह व टीम मेंबर शांतिलता हेम्ब्रम अस्पताल पहुंचे और बालिका के इलाज में सहयोग के अलावा उसकी काउनसेलिंग भी की। समिति के निर्देश पर बालगृह (बालिका) की प्रभारी काजल कुमारी ने बालिका के लिए अस्पताल में कपड़े पहुंचाए।

 

 चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने समिति को सूचित किया है कि इस मामले में बालिका के बयान के आधार पर अज्ञात ऑटो चालक के खिलाफ जरमुण्डी थाना में भादवि एवं पोक्सो एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

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