बरारी वाटर वर्क्स से दूर हुई गंगा, भागलपुर के कई वार्डों में मंडराया जलसंकट का खतरा

बरारी वाटर वर्क्स से दूर हुई गंगा, भागलपुर के कई वार्डों में मंडराया जलसंकट का खतरा

बरारी वाटर वर्क्स से बढ़ी गंगा की दूरी। जलस्तर गिरने से जलसंकट की बढ़ी संभावना। 10 नवंबर के बाद नदी की धार 25 फीट गिरा नीचे। इंटेकवेल से नदी हुई 40 मीटर दूर। जलकल शाखा ने पांच दिन पूर्व इंटेकवेल के मोटर पंप को 25 फीट करना पड़ा नीचे.

भागलपुर : बरारी वाटर वर्क्स से गंगा नदी की धारा दूर जाने की वजह से जल भंडारण की समस्या उत्पन्न होने की संभावना बढ़ गई है। 10 नवंबर के बाद नदी की धार 25 फीट नीचे गिरा है। वर्तमान में इंटेकवेल से गंगा नदी की दूरी 40 मीटर तक बढ़ गई है। इससे पांच दिन पूर्व इंकेटवेल का तीन मोटर पंप करीब 25 फीट नीचे करना पड़ा। ऐसे में मोटर पंप नीचले स्तर के चैनल पर स्थापित किया गया है। लेकिन, चैनल के नीचे दो से तीन फीट पानी शेष बचा है। शेष 10 फीट तक गाद जमा है।

 

प्रतिदिन नदी की धारा छह से सात इंच घट रही है। अगर यही हाल रहा तो दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक इंटेकवेल में जल भंडारण की समस्या होगी। 28 दिनों के बाद जल भंडारण की समस्या उत्पन्न होगी। शहरवासी जलापूर्ति संकट का सामना करेगा। वर्तमान में पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिस तरह से जलस्तर घट रहा है जलकल कर्मियों की चिंता बढ़ा दी है।

वाटर वर्क्स से यहां होती है आपूर्ति

इससे मानिक सरकार व घंटाघर चौक के जलमीनार में पानी भरने की समस्या होगी। बरारी, तिलकामांझी, आदमपुर, पटलबाबू रोड दीपनगर, रेड क्रास रोड, राधा रानी सिन्हा मार्ग, कचहरी चौक, खलीफाबाग चौक, जवारीपुर, आनंदगढ़ कालोनी समेत 12 वार्डों की दो लाख आबादी को जलापूर्ति संकट का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, वाटर वर्क्स में प्रतिदिन जलशोधन कार्य के लिए 17 एमएलडी पानी के भंडारण की जरूरत है। जिससे से 12 एमएलडी की आपूर्ति होती है.

वैकल्पिक व्यवस्था की कवायद फाइलों मे

इंकेटवेल के सामने गंगा नदी की दूरी बढ़ने पर नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पीपली धाम घाट से पानी पहुंचाता है। इसके लिए इंकेटवेल से पीपली धाम घाट के बीच करीब 350 मीटर दूरी तक केनाल की खुदाई होती है। घाट पर पंपिंग स्टेशन स्थपित कर केनाल के माध्यम से इंटेकवेल में पानी आपूर्ति होती है। इस दिशा में कार्य के लिए एजेंसी का चयन नहीं किया गया है। यह मामला अभी स्थायी समिति में लंबित है। यहां से स्वीकृति के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी।

इंटेकवेल में जमा गाद, भंडारण मेें परेशानी
नदी के तट पर ड्राइ व वेट दो इंटेकवेल है। इसके माध्यम से तालाब में जल भंडारण होता है। लेकिन वेट इंटेकवेल में तीन फीट ही पानी का लेवल बचा है। जबकि इंकेटवेल के सतह से 10 फीट तक गाद जमा हो गया है। इस गाद को नहीं हटाने के पर्याप्त पानी जमा नहीं हो रहा। दोनों इंटेकवेल की लगभग यही स्थिति है। अगर इसके गाद को हटाया जाए तो 10 फीट तक इंकेटवेल में हमेशा पानी जमा रहेगा। इसे खाली कराने के लिए गत दिसंबर में तत्कालीन नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी ने निर्देश दिया था लेकिन कार्य नहीं हुआ.
नदी में बचेगा नाले का पानी
दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लोगों को गंगा नदी की जगह नाले का पानी पीना पड़ेगा। दरअसल, नदी में शहर के 80 नालों का पानी गिरता है। इसी दूषित पानी को शोधन कर जलापूर्ति की जाएगी। दूषित पानी को साफ करने के लिए अत्यधिक मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर, फिटकरी और केमिकल का उपयोग होगा। शहर की दो लाख की आबादी पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
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