बेहतर शिक्षाविद बनने के लिए शोध की भट्ठी में तपना जरूरी : डॉ विनोद 

बेहतर शिक्षाविद बनने के लिए शोध की भट्ठी में तपना जरूरी : डॉ विनोद 

दुमका।

जिस तरह आग में तपकर खरा सोना निकलता है उसी तरह शोध की भट्ठी में तपकर ही एक बेहतर शिक्षाविद निकल सकता है। ये बातें एसकेएमयू, दुमका के मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार शर्मा ने कहीं।

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डॉ शर्मा ए एन कालेज में आयोजित दो दिवसीय बहुविषयक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन सत्र में मंगलवार को बोल रहे थे।

बतौर टेक्निकल चेयरपर्सन उन्होंने अपने संबोधन के दौरान शिक्षकों और खासकर शोधार्थियों को स्मार्ट रिसर्च वर्क के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा कि चलताऊ शोध से किसी का भला नहीं हो सकता – न शोधार्थियों का और न ही समाज का। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में शोध के लिए जरूरी सुविधाओं के अभाव की ओर ध्यान दिलाते हुए इसे दूर किए जाने की जरूरत बताई।

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मंच पर आसीन टेक्निकल चेयरपर्सन मुरारका कालेज, सुल्तानगंज के प्राचार्य डॉ अमरकांत सिंह ने कहा पठन पाठन के साथ शोध भी शिक्षकों के महत्वपूर्ण कार्य हैं। उन्होंने सेमिनार आयोजित करने के लिए एक एन कालेज की सराहना की।

टेक्निकल चेयरपर्सन ए एन कालेज के पूर्व शिक्षक और वर्तमान में साहिबगंज कालेज साहिबगंज के मैथिली विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ध्रुव ज्योति कुमार सिंह ने पुराने दिनों को याद करते हुए यहां के शिक्षकों को निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया और बेहतर भविष्य की कामना की।

 

सहयोगी संस्था टोकन रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ केतन कुमार मिश्रा की ओर से सेमिनार के सफल संचालन में सहयोग के लिए कालेज के शिक्षकों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। डॉ मिश्रा ने सेमिनार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिएं। इससे शिक्षक खुद को अपडेट कर सकते हैं।

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कालेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह ने आयोजन में सहयोग करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। मंच संचालन आयोजन सचिव डॉ अमर नाथ सिंह और डॉ प्रदीप कुमार गोरांय ने किया। इससे पहले कालेज के और बाहर से आए प्रतिभागियों ने प्रस्तुति दी। डॉ सुमन कुमार सिंह ने झारखंड के प्रमुख आंदोलनों पर वक्तव्य दिया।

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डॉ उमाकांत सिंह ने ग्रामीण बैंकों की दुर्दशा और इसके निदान पर प्रस्तुति दी। बेहतरीन प्रस्तुति के लिए विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के शिक्षक डॉ नंदलाल मंडल को प्रथम और रांची विश्वविद्यालय की डॉ छाया ठाकुर को द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत में साउदी अरबिया के कासिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और प्राख्यात वाणिज्य शास्त्री डॉ ओसामा रवाशडेह ने आनलाइन जुड़कर अपना संदेश दिया।

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