कोयला उत्पादन को लेकर कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर राजमहल परियोजना

कोयला उत्पादन को लेकर कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर राजमहल परियोजना

कोयला उत्पादन को लेकर कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर राजमहल परियोजना

 कोल इंडिया व ईसीएल के वरीय अधिकारियों के निर्देशों का हो रहा अनुपालन 

 

 

गोड्डा

ईसीएल की इकाई राजमहल परियोजना कोयला उत्पादन को लेकर कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है। इसके लिए राजमहल परियोजना के क्षेत्रीय महाप्रबंधक ए एन नायक ने अपनी सारी ताकतें झोंक दी है। लगातार बैठक की जा रही है, विस्थापितों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर नई कार्य संस्कृति पैदा कर कोयला उत्पादन को लेकर श्रमिकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 इतना ही नहीं समय-समय पर कोल इंडिया एवं ईसीएल के वरीय पदाधिकारियों को आमंत्रित कर कार्यों की गुणवत्ता में सुधार को लेकर दिशा निर्देश प्राप्त किया जा रहे हैं।

 इसी क्रम में पिछले दिनों कोल इंडिया लिमिटेड के मुख्य सतर्कता अधिकारी ब्रजेश कुमार त्रिपाठी एवं ईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी मुकेश कुमार मिश्रा का दो दिवसीय दौरा महत्वपूर्ण रहा।

 

दोनों वरीय पदाधिकारी ने राजमहल क्षेत्र के हुर्रा “सी” माइंस का दौरा किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया । इस दौरान उन्होंने वे ब्रिज, निर्माणाधीन एमजीआर एवं निर्माणाधीन सीलो एवं आई टी इनिशिएटिव का जायजा लिया तथा एशियन जुवेरी के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कार्य को गुणवत्ता के साथ तय समय पर पूर्ण करने का निर्देश दिया ।

उन्होंने कार्य में पारदर्शिता लाने हेतु कोयला मंत्रालय के दिशा निर्देश के तहत आई टी इनिशिएटिव को अधिक से अधिक लागू करने पर जोर दिया।

 महाप्रबंधक ए एन नायक ने राजमहल क्षेत्र के वर्तमान में चल रहे परियोजना एवं आगामी महत्वकांक्षी परियोजना शिमलोंग एवं चुपरभीठा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इतना ही नहीं पौधारोपण कर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दिया गया वहीं दूसरी ओर राजमहल हाउस में विभिन्न विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया ताकि कोयला उत्पादन की गुणवत्ता पर असर पड़े।

 इसी क्रम में मुख्य सतर्कता अधिकारी, कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा उपस्थित सभी अधिकारियों को सत्यनिष्ठा व प्रतिज्ञा की शपथ भी दिलाई गई।

 तत्पश्चात कार्यशैली में पारदर्शिता लाने हेतु उठाए गये कदम एवं दिनचर्या में आने वाली समस्याओ की जानकारी भी साझा की गई। 

 बहरहाल वह दिन दूर नहीं जब राजमल परियोजना उपलब्धियो को लेकर अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित करेगा।

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